केंद्रीय मात्स्यिकी प्रौद्योगिकी संस्थान की अनुसंधान केंद्र 1962 में काकिनाडा (आंध्रप्रदेश) में शुरू किया गया था । ताकि भारत के पूर्वी तट में छोटे और मध्यम आकार के बोटों से वाणिज्यपरक ट्रालिंग को अवतरित किया जा सके और उनके शोषण के लिए मत्स्यन गिअर एक्सेसरीज की स्तरीय अभिकल्पनाओं को और यांत्रिकी क्षेत्र के लिए जिम्मेदार ट्राल पद्धतियां तैयार करें । मत्स्य संसाधन प्रौद्योगिकी अनुभाग 1972 में शुरू किया गया । यह मत्स्य के परिवहन में अखिल भारतीय शोध परियोजना के खोज के कंद्र के रूप में शुरू हुआ । बाद में मत्स्य के हस्तन, परिरक्षण; गहरे समुद्री के अनुपयोगी मत्स्यों पर काम किया । यह अनुसंधान केंद्र मार्च 1995 से खुद के मकान में शिफट हुआ । इसका दूसरा तल 2011 में निर्माण किया गया । यह केंद्र 170 43’N और 830 19’E, ओशियन व्यू ले आउट, पांडुरंगपुरम, विशाखपट्टणम, आंध्रप्रदेश में भारत के पूर्वी तट में स्थित है ।
Page Last Updated on 2016-12-08
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