भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद एक एपेक्स संगठन है जाहं शोध के लिए परियोजना, बढावा और समन्वयन का काम होता है और देश के कृषि और संबद्ध विषयों में इसका उपयोग होता । WTO से पहले 1995 में शोध कार्य को कोई महत्व नहीं दिया गय था । बाद में हुई गतिविधियों से शोध और विकास पर बल तदया गया, यह व्यक्तिगत और संख्यागत दोनों के लिए था । शोध और विकास संस्थानों के इंटेलक्यूएल प्राफरटी से संबंधित कामों पर भा कृ अनु प द्वारा एक ढांचा तैयार किया गया ताकि खोजकर्ता के हक को बनाए रखा जाए और बिना किसी अवरोध के प्रौद्योगिकी को बढावा दिया जाए ।
संस्थान में काम करने के लिए भिन्न तंत्रों को विकसित किया गया । संस्थान के स्तर पर आई टी एम यू की स्थापना की गई जो कि आई टी एम सी के लिए सेक्रेटेरिएट के रूप में काम करती हैं ।
आई टी एम सी को संस्थान के आई पी से संबंधित मामलों के लिए घटित किया गया । संस्थान के स्तर पर आई पी से संबंधित सारे मामलों में निदेशक का निर्णय अंतिम होगा ।
आई टी एम यू आई पी सुरक्षा/प्रबंधन एवं प्रौद्योगिकी हस्तांतरण/आंतरिक क्षमताओं के साथ वाणिज्यीकरण, बाहरी वैधिक और व्यापार संबंधित मामलों के लिए जिम्मेदार रहेगा । आई टी एम यू को संस्थान के आई पी/ प्रौद्योगिकियों के हस्तांतरण एवं वाणिज्यिीकरण के लिए बनाया गया है ।