श्री अजय प्रकाश, भाप्रसे, कलेक्टर और जिला मजिस्ट्रेट, गिर-सोमनाथ द्वारा टेकफिश 2019 का उद्घाटन
राजभाषा कार्यान्वयन एवं उसके प्रति जागरूकता को बढ़ाने के लिए दिनांक 25.06.2019 को भाकृअनुप-केमाप्रौसं के वेरावल अनुसंधान केंद्र द्वारा “गुजरात के विशेष संदर्भ में मात्स्यिकी क्षेत्र में तकनीकी उन्नतियां” विषय पर एक दिवसीय वैज्ञानिक हिंदी संगोष्ठी – टेकफिश 2019 आयोजित की गई.
श्री अजय प्रकाश, भाप्रसे, कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट, गिर–सोमनाथ मुख्य अतिथि थे, उन्होंने भाकृअनुप-केमाप्रौसं द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर राजभाषा का बढ़ावा देने और आधिकारिक तौर पर हिंदी भाषी हितधारकों के लिए अनुसंधान जानकारी का प्रसार करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर वैज्ञानिक संगोष्ठी आयोजित करने के प्रयास की सराहना किया और मत्स्य प्रग्रहण एवं पश्च प्रग्रहण के क्षेत्रों में उन्नत प्रौद्योगिकी को स्थानांतरित करके मछुआरों की आजीविका बढ़ाने में भाकृअनुप-केमाप्रौसं के वेरावल अनुसंधान केंद्र के योगदान की प्रशंसा की. वे होटल ग्रैंड दक्ष, वेरावल में भाकृअनुप-केमाप्रौसं के वेरावल अनुसंधान केंद्र द्वारा आयोजित राष्ट्रीय वैज्ञानिक हिंदी संगोष्ठी-टेकफिश 2019 में उद्घाटन भाषण दे रहे थे. अपने भाषण के दौरान, उन्होंने भारत में मात्स्यिकी और जलकृषि क्षेत्र के महत्व को रेखांकित किया, जो 14 मिलियन से अधिक मछुआरों और मूल्य श्रृंखला में शामिल अन्य करोड़ों लोगों का समर्थन करता है. उन्होंने बताया कि देश की सबसे लंबी तटरेखा और समुद्री, खारे पानी और मीठे पानी के संसाधनों के साथ, गुजरात राज्य ने मत्स्य उत्पादन में निरंतर वृद्धि दिखाई है और आधुनिक प्रौद्योगिकियों को अपनाने के साथ उत्पादन में और वृद्धि की संभावना है जिससे देश के रोजगार और राजस्व को बढ़ाएगा. मुख्य अतिथि ने सारांश पुस्तिका एवं अन्य प्रकाशनों का विमोचन किया. डॉ. आशीष कुमार झा, वैज्ञानिक, ने उद्घाटन भाषण दिया जिसमें उन्होंने मास्त्यिकी क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास प्रयास पर प्रकाश डाला. उन्होंने टेकफिश 2019 के उद्देश्यों पर जानकारी देते हुए बताया की प्रस्तुत संगोष्ठी में गुजरात के विशेष संदर्भ में मात्स्यिकी क्षेत्र की कुछ चुनौतियों केलिए विचारों और संभावित समाधानों पर विचार-विमर्श किया जाएगा.
टेकफिश 2019 की सारांश पुस्तिका का विमोचन
डॉ.टोम्स सी.जोसफ, प्रभारी वैज्ञानिक, भाकृअनुप-केमाप्रौसं का वेरावल अनुसंधान केंद्र एवं आयोजन सचिव, टेकफिश 2019 ने अपने अध्यक्षीय भाषण में प्रस्तुत संगोष्ठी के महत्व को जागृत करते हुए बताया कि कैसे ये संगोष्ठी वैज्ञानिकों, शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं, नीति निर्माताओं और संबंधित हितधारकों को मात्स्यिकी और संबद्ध क्षेत्रों की समस्याओं और संभावनाओं पर विचार करने और सार्थक निष्कर्ष और सिफारिशों पर पहुंचने के लिए एक मंच प्रदान करेगी. उन्होंने भाकृअनुप-केमाप्रौसं के वेरावल अनुसंधान केंद्र के गतिविधियों का संक्षिप्त विवरण दिया और कहा कि भाकृअनुप-केमाप्रौसं ने मत्स्य की प्रग्रहण और पश्च प्रग्रहण क्षेत्रों में सुरक्षित और गुणवत्ता वाले मत्स्य उत्पादन के लिए आवश्यक उन्नत तकनीकों के विकास का नेतृत्व किया है.
मुख्य अतिथि का संबोधन, टेकफिश 2019 के उद्घाटन सत्र के दौरान श्री अजय प्रकाश, भाप्रसे
समारोह में भाषण देते हुए श्री पीयुष भाई फोफंडी, अध्य्क्ष, समुद्री खाद्य निर्यातक संघ, गुजरात चाप्टर ने भाकृअनुप-केमाप्रौसं को संगोष्ठी आयोजन करने के लिए प्रशंसा की और प्रतिभागियों को कुशल तरीके से इस मंच का उपयोग करने के लिए याद दिलाया. उन्होंने कृतज्ञतापूर्वक क्षेत्रीय भाषाओं, गुजराती और प्रशिक्षण कार्यक्रमों में मैनुअल और पर्चे के माध्यम से विकसित तकनीकों को स्थानांतरित करने में भाकृअनुप-केमाप्रौसं की सेवाओं को भी याद किया.
डॉ.जे.रेणुका, उप निदेशक (राजभाषा) ने बधाई भाषण देते हुए आम लोगों तक पहुंचने के लिए राजभाषा और विज्ञान के समावेश के महत्व से दर्शकों को अवगत कराया. उन्होंने कहा कि अंग्रेज़ी में अनुसंधान कार्यों का प्रकाशन करने से समाज में केवल कुछ लोगों तक इसकी पहुंच सीमित होगी जिसके कारण राष्ट्रव्यापी पहुंच के लिए राजभाषा एवं अन्य प्रादेशिक भाषाओं में शोध कार्यों को प्रकाशित करने का आग्रह किया। श्रीमती निम्मी एस.कुमार, हिंदी अनुवादक, भाकृअनुप-केमाप्रसं का वेअके ने धन्यवाद प्रस्ताव रखी.
उद्घाटन समारोह के बाद पहला तकनीकी सत्र मत्स्य एवं मात्स्यिकी विज्ञान से शुरू हुआ जिसमें 13 मौखिक प्रस्तुतियां एवं प्रस्तुतियां शामिल थे. दूसरे तकनीकी सत्र में मत्स्य प्रसंस्करण प्रौद्योगिकी के 11 मौखिक प्रस्तुतियां 9 पोस्टर प्रस्तुतियां शामिल थे. लगभग 100 प्रतिनिधियों ने राष्ट्रीय संगोष्ठी में भाग लिया जिसमें विभिन्न संगठनों का प्रतिनिधित्व करने वाले वैज्ञानिकों, शिक्षाविदों और छात्रों शामिल थे.
विजेताओं को पुरस्कार वितरण
दो श्रेणियों में सर्वश्रेष्ठ मौखिक और पोस्टर को स्मृति चिन्ह और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। डॉ.रम्या एस., वैज्ञानिक, भाकृअनुप-केमाप्रसं का वेअके एवं श्री गणेश टेमकर, अनुसंधान अध्येता, मात्स्यिकी महाविद्यालय, जूनागढ़ कृषि विश्वविद्यालय, वेरावल को सर्वश्रेष्ठ मौखिक प्रस्तुती से पुरस्कृत किया गया. श्रीमती. रेणुका वी., वैज्ञानिक, भाकृअनुप-केमाप्रसं का वेअके और डॉ.रम्या एस., वैज्ञानिक, भाकृअनुप-केमाप्रसं का वेअके सर्वश्रेष्ठ पोस्टर प्रस्तुती से पुरस्कृत किया गया. विजेताओं के साथ प्रतिभागियों को भी भागीदारी और प्रस्तुति प्रमाणपत्र दिए गए.
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