भा कृ अनु प-केन्द्रीय मात्स्यिकी प्रौद्योगिकी संस्थान में ग्रामीण प्रौद्योगिकी के हिस्से के रूप में विकसित COFISKI (सामुदायिक मत्स्य धूम्रपान इकाइयों) की 26 इकाइयों का वितरण समारोह 4 दिसंबर, 2018 को पश्चिम जयंतिया हिल्स जिला, मेघालय के अमलरेम में आयोजित किया गया। डीआरडीए, जवई, पश्चिम जयंतिया हिल्स जिला, मेघालय के सहयोग से भा कृ अनु प-के मा प्रौ सं द्वारा आयोजित कार्यक्रम मेघालय सरकार के मुख्य अतिथि माननीय शिक्षा मंत्री श्री एल.रिम्बुई महोदय द्वारा साइट की यात्रा के साथ शुरू हुआ। श्री रिम्बुई ने धूम्र से अभिसाधित मत्स्य की तैयारी और इसमें प्रयोग के जटिल विवरणों के बारे में जानकारी लिए। डॉ.एम.एम. प्रसाद, परियोजना के प्रआई और प्रभागाध्यक्ष, एमएफबी प्रभाग, भा कृ अनु प-के मा प्रौ सं ने मंत्री महोदय को बताया कि कैसे भा कृ अनु प-के मा प्रौ सं द्वारा ग्रामीण प्रौद्योगिकी का विकास किया गया, जिसमें आसान रखरखाव, महिला मछुआरों के नियमित उपयोग और श्रमदक्षता शास्त्र की सभी जरूरतों को ध्यान में रखा गया। इस कार्यक्रम की शुरुआत श्री डी.एम.वालंग, एमसीएस, पीडी डीआरडीए, पश्चिम जयंतिया हिल्स, मेघालय के स्वागत भाषण से हुई। अपने संबोधन में श्री वालंग ने कहा कि उन्होंने अमलारेम ब्लॉक के मछुआरों के व्यवस्थित विकास को देखा और यह फॉर्म में भा कृ अनु प-के मा प्रौ सं के सतत समर्थन, प्रशिक्षण सह प्रदर्शन कार्यक्रमों, स्वच्छता पर जागरूकता अभियान, कौशल विकास कार्यक्रमों आदि के कारण हो सका है। समारोह की अध्यक्षता करते हुए श्री गैरोड़ एल.एस.एन. डायक्स, भा प्र से, उपायुक्त, जवई, पश्चिम जयंतिया हिल्स ने भा कृ अनु प-के मा प्रौ सं के वैज्ञानिकों और कर्मचारियों द्वारा अपने जिले में प्रग्रहण और पश्च प्रग्रहण के विकास के लिए किए गए प्रयासों की सराहना किया। समारोह के मुख्य अतिथि श्री रिम्बुई ने अपने संबोधन में कहा कि कुपोषण देश में विशेष रूप से दूरदराज के क्षेत्रों में व्याप्त है और बेहतर गुणवत्ता वाले भोजन जैसे मत्स्य और मत्स्य उत्पादों के साथ लंबे समय तक निधानी आयु के रूप में किसी भी हस्तक्षेप से कीमते बेहतर होगी और यह इससे भीतरी इलाकों के सामाजिक-आर्थिक विकास में भी मदद मिलेगी। उन्होंने भा कृ अनु प-के मा प्रौ सं द्वारा विकसित तकनीकों का स्वागत और सराहना की और लाभार्थियों से भा कृ अनु प-के मा प्रौ सं द्वारा दी गई COFISKI इकाइयों का सर्वोत्तम उपयोग करने का अनुरोध किया। डॉ.प्रसाद ने लाभार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि COFISKI इकाइयाँ कोल इंडिया लिमिटेड की सीएसआर योजना के तहत दी जा रही हैं, जो उन महिला मछुआरों की बेहतरी के लिए है जो आर्थिक रूप से कमज़ोर हैं और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति श्रेणियों से संबंधित हैं। उन्होंने कहा कि पश्चिम जयंतिया हिल्स जिले के मछुआरे खासतौर पर अमलरेम के भाग्यशाली हैं, जिन्हें पहली 26 यूनिट्स मिली है। उन्होंने कहा कि सभी महिला मछुआरों को श्रीमती अल्मा का अनुकरण करना चाहिए जो भा कृ अनु प-के मा प्रौ सं द्वारा दी गई प्रौद्योगिकियों को कार्यान्वित करने में सफलता का प्रतीक बन गई हैं। इस अवसर पर उमलाधकुर के मुखिया और अन्य राज्य विभाग के अधिकारियों ने भी बात किए। श्रीमती जे.यू.खरपुरी, एमसीएस बीडीओ अमलरेम सी एवं आरडी ब्लॉक, पश्चिम जयंतिया हिल्स जिला के धन्यवाद ज्ञापन के साथ यह कार्यक्रम समाप्त हुआ।
डॉ.एम.एम. प्रसाद माननीय मंत्री श्री एल.रिम्बुई को समझाते हुए
लाभार्थियों को संबोधित करते हुए श्री एल.रिम्बुई
श्री गैरोड़ एल.एस.एन. डायक्स, भा प्र से अध्यक्षीय अभिभाषण देते हुए
लाभार्थियों को संबोधित करते हुए डॉ.एम.एम.प्रसाद
गणमान्य व्यक्तियों के साथ लाभार्थी
Page Last Updated on 2018-12-28
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