केद्रीय मात्स्यिकी प्रौद्योगिकी संस्थान की स्थापना 1957 में हुई. यह देश का एक मात्र राष्ट्रीय केंद्र है जहां मत्स्य एवं मत्स्य संसाधन से जुड़े सभी विषयों पर शोध कार्य होता है. संस्थान 1957 में कोचीन में काम शुरू किया. संस्थान का अनुसंधन केंद्र वेरावल (गुजरात), विशाखपट्टणम (अंध्रप्रदेश) और मुंबई (महाराष्ट्रा) में है
संस्थान निम्नलिखित अधिदेश के अंर्तगत काम करता है
मत्सय एवं संसाधन में मूल और रणनीति शोध
जिम्मेदार मत्स्यन एवं धारणीय प्रबंधन के लिए उर्जा क्षमतावाले मत्स्यन पद्धतियों की अभिकल्पना एवं विकास
मत्स्य एवं मत्स्य संसाधन के लिए उपकरण एवं मशीनरी
प्रशिक्षण, शिक्षा और विस्तार दवारा मानव संसाधन विकास
प्रशासन
संस्था का मुख्य निदेशक है । वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी प्रशासनिक अधिकारी और सहायक प्रशासनिक अधिकारियां, प्रशासनिक काम में निदेशक की सहायता करते हैं । वित्त और लेखा का काम वित्त और लेखा अधिकारी करते हैं । तकनीकी अधिकारी संस्था के शोध परियोजनाओं से संबंधित तकनीकी काम करते हैं.
के मा प्रौ सं में शोध कार्य निम्नलिखित अनुभागों दवारा किया जाता है
मुख्यालय में निम्नलिखित प्रभागों द्वारा शोध कार्य होता है
Page Last Updated on 2022-08-08
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