भारत में, 10 मिलियन मेट्रिक टन के कुल मत्स्य उत्पादन में से 20-30% शुष्कन या निर्यात और स्थानीय बाजारों के लिए प्रसंस्करण किया जाता है। धूप में शुष्कन (खुली हवा में शुष्कन) पारंपरिक तरीका है जो देश के अधिकांश हिस्सों में मत्स्य उत्पाद शुष्कन के लिए नियोजित करते है। लेकिन यह मौसम की स्थिति की निर्भरता और धूल, गंदगी, बारिश, कीड़े, कीट, और सूक्ष्मजीवों के हमले के कारण कमजोर गुणवत्ता वाले सूखे उत्पाद प्रदान करता है। अवलोकित इस सीमाओं को पार करने के लिए, भाकृअनुप-केमाप्रौसं, कोचिन ने मत्स्य की स्वच्छ और गुणवत्ता युक्त शुष्कन के लिए कम लागत, ऊर्जा कुशल और पर्यावरणानुकूल सौर शुष्कक विकसित किए हैं। विकसित शुष्कक विभिन्न क्षमता और मॉडल में उपलब्ध हैं और प्रतिकूल मौसम की स्थिति में भी एलपीजी, बायोमास या बिजली को मत्स्य के निरंतर स्वास्थ्यकर शुष्कन के लिए वैकल्पिक तापक स्रोत के रूप में उपलब्ध हैं। केमाप्रौसं विकसित पर्यावरण के अनुकूल और ऊर्जा कुशल सौर संकर शुष्कक मछुआ समुदाय और शुष्क मत्स्य व्यवसाय के स्टार्ट-अप के बीच आकर्षण को प्राप्त कर रहे हैं। स्वच्छ, हरित और सस्ती प्रौद्योगिकी होने के नाते, कई मछुआरों, मछुआ महिलाओं और उद्यमियों ने सौर संकर शुष्कक का उपयोग करके शुष्क मत्स्य का उत्पादन किया है।
श्री बेंनी बेहनन (सांसद, चालकुडी निर्वाचन क्षेत्र) ने डॉ.सी.एन.रविशंकर (निदेशक, भाकृअनुप-केमाप्रौसं, कोचिन) की मौजूदगी में सौर संकर शुष्कक और इस्रा फूड्स, पेरिंगला का उद्घाटन किया।
श्री अनीश पारेड, पेरिंगला, कोचिन, एक लघु एंटरप्रेन्योर और केमाप्रौसं एबीआई का एक इनक्यूबेट ने स्वास्थ्यकर शुष्क झींगों के उत्पादन के लिए एलपीजी बैक-अप के सौर संकर शुष्कक को स्थापित किया है। इस शुष्कक का उद्घाटन 30 नवंबर, 2019 को श्री बेंनी बेहनन (सांसद, चालकुडी निर्वाचन क्षेत्र) द्वारा पेरिंगला, एर्नाकुलम में श्री वी.के.सजेन्द्रन (विधायक, कुन्नथुनाडु), डॉ.सी.एन.रविशंकर (निदेशक, भाकृअनुप-केमाप्रौसं, कोचिन), डॉ. मनोज पी सैमुअल (प्रधान वैज्ञानिक और प्रभागाध्यक्ष, अभियांत्रिकी प्रभाग, भाकृअनुप-केमाप्रौसं, कोचिन), डॉ.ए.के.मोहंती (प्रधान वैज्ञानिक और प्रभागाध्यक्ष, विसूसां प्रभाग, भाकृअनुप-केमाप्रौसं, कोचिन) डॉ.जॉर्ज नैनन (प्रधान वैज्ञानिक और प्रभारी, एबीआई, भाकृअनुप-केमाप्रौसं, कोचिन), भाकृअनुप-केमाप्रौसं, कोचिन के अन्य अधिकारियों की उपस्थिति में किया गया। इस समारोह में कुन्नथुनाडु ग्राम पंचायत के सदस्य और बड़ी संख्या में जनता ने भाग लिया। श्री अनीश पारेद, उच्च गुणवत्ता के शुष्क झींगों का विपणन इस्रा फूड्स ब्रांड नाम से पेरिंगला में स्थित अपनी दुकान के माध्यम से कर रहा है।
डॉ.सी.एन.रविशंकर (निदेशक, भाकृअनुप-केमाप्रौसं, कोचिन) पहली बिक्री करते हुए
Page Last Updated on
Visitors Count :
All rights reserved © Central Institute of Fisheries Technology (CIFT)
Website Powered by Cloud Business Pages from INI Technologies Pvt Ltd, India