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भा कृ अनु प-के मा प्रौ सं में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस समारोह

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भा कृ अनु प-केन्द्रीय मात्स्यिकी प्रौद्योगिकी संस्थान, कोचीन में 11 और 12 मई, 2017 को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाया गया। भा कृ अनु प-के मा प्रौ सं के निदेशक डॉ.सी.एन.रविशंकर द्वारा उद्घाटन किए सत्र से शुरू हुआ यह दो दिन के कार्यक्रम में उन्‍होंने 11 मई 1998 को याद करते हुए प्रौद्योगिकी दिवस के महत्व पर जोर देते हुए कहे कि भारत ने उस दिन पोखरण में परमाणु परीक्षणों के बाद इस श्रृंखला को सफलतापूर्वक आगे बढ़ा कर एक प्रमुख तकनीकी सफलता हासिल की है। इस के बाद डॉ.आर.एस.राजीव, विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (इसरो) के वैज्ञानिक इंजीनियर, त्रिवेंद्रम द्वारा ‘अंतरिक्ष विज्ञान अनुप्रयोग पर केन्द्रित बहुलक और विशेष रसायनों का उन्नत प्रयोग’ पर एक वैज्ञानिक चर्चा हुई। डॉ. राजीव, अंतरिक्ष के अनुप्रयोगों में विशेष रूप में बहुलकों के उपयोग पर प्रणोदन, ठोस रॉकेट मोटर इन्सुलेटर, संरचनाएं, अंतरिक्ष शटल, थर्मल नियंत्रण प्रलेपन, ज्वाला सुरक्षा कोटिंग्स, आसंजक और इलेक्ट्रॉनिक सर्किट जैसे क्षेत्रों में एक विस्तृत तस्वीर पेश किए। उन्होंने नैनो प्रौद्योगिकी जैसे अनुसंधान के भविष्य के क्षेत्रों पर, जहां पारंपरिक फोटो-वोल्टेइक कोशिकाओं की तुलना में बेहतर दक्षता के साथ सौर ऊर्जा को दोहन करना संभव होना भी रेखांकित किए, इसे ऊर्जा कुशल मत्‍स्‍यन के लिए प्रभावी ढंग से इस्तेमाल किया जा सकता है। भा कृ अनु प-के मा प्रौ सं ने पहले से ही सौर आधारित प्रशीतन प्रणालियां विकसित किया हैं जो नैनो-बढ़ाए गए फोटो-वोल्टेइक कोशिकाओं द्वारा व्यावसायिक रूप से लागत प्रभावी बन सकते हैं। इसके अलावा, सौर शुष्‍कक के संग्राहक सतहों पर नैनो आधारित प्रलेपन शुष्‍कन की प्रक्रिया की कार्यक्षमता बढ़ जाती है। 'मत्‍स्‍य शुष्‍कन और प्रसंस्करण प्रौद्योगिकियों' पर कदमाकुंडी गांव में मछुआ महिलाओं के लिए दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किया गया। प्रतिभागियों को मत्‍स्‍यों का स्‍वच्‍छ सौर शुष्‍ककों के उपयोग में प्रसंस्करण और शुष्‍कन में प्रशिक्षित किया गया। भा कृ अनु प-के मा प्रौ सं बिजली, एलपीजी और जीवद्रव्‍य बैकअप के साथ सौर शुष्‍कक की संरचना किया है जो शुष्‍कन के लिए मत्‍स्‍यों की बड़ी मात्रा को संभाल सकते हैं। इसके अलावा, वे मत्‍स्‍य के सालभर शुष्‍कन में आश्वस्त होने के साथ मछुआ समुदाय के लिए नियमित आय पैदा कर करते हैं। यह कार्यक्रम औपचारिक सत्र के साथ समाप्त हो गया जहां डॉ.सुशीला मैथ्यू, प्रभारी निदेशक प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित की। डॉ.मनोज पी. शमूएल, प्र अ., इंजीनियरिंग, डॉ. . के. मोहंती, प्र अ., वि सू सां और डॉ.वी.गीतालक्ष्मी, प्रधान वैज्ञानिक, वि सू सां, कार्यक्रम के दौरान प्रशिक्षित प्रौद्योगिकियों को अपनाने पर प्रतिभागियों को जोर दिया। यह कार्यक्रम केरल राज्य विज्ञान, प्रौद्योगिकी और पर्यावरण परिषद,त्रिवेंद्रम द्वारा प्रायोजित किया गया।

 

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